इंसान ख्वाहिशों से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है.!!

“इंसान ख्वाहिशों से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है...,

उम्मीदों से ही घायल है...उम्मीदों पर ही जिंदा है...!”"